फार्माकोग्नोसी का परिचय
फार्माकोग्नोसी विज्ञान की वह शाखा है। जिसके अंतर्गत प्रकृति से प्राप्त औषधियों और संबंधित उत्पादों के साथ काम करती है। और पौधों जानवरों और खनिज मूल से प्राप्त की जाती है। इस औषधियों को अपरिक्रस्ट औषधियां भी कहा जाता है। फार्माकोग्नोसी में वनस्पति,नृवंशविज्ञान,चिकित्सा नृविज्ञान,समुद्री जीव विज्ञान,सूक्ष्मजीव विज्ञान,हर्बल दवा,रसायन विज्ञान,जैव प्रौद्योगिकी,फाइटोकेमेस्ट्री ,फार्माकोलॉजी,नैदानिक फार्मेसी, विषयों का एक व्यापक विस्तार शामिल है।
आधुनिक फार्माकोग्नोसी के अध्ययन को निम्न 8 क्षैत्रो में विभाजित किया गया है।
1.मेडिकल एथनोबॉटनी
2.एथेनोफार्मोकोलॉजी
3.फाइटोथेरेपी
4.फाइटोकेमेस्ट्री
5.जू फार्मकॉग्नोसी
6.फार्माकोग्नोसी-बायोटेक्नोलॉजी
7.हर्बल इंटरेक्शन
8.मरीन फार्माकोग्नोसी
9.फार्माकोग्नोसी का इतिहास
फार्माकोग्नोसीका इतिहास
औषधियों के क्षेत्र में काफी पुराना इतिहास है| उस समय की बात है| जब विभिन्न देशों जैसे
भारत-चीन ग्रीस मिश्र इत्यादि में कुछ विशेष प्रकार के पेड़ पौधों द्वारा औषधि
तैयार करके बीमारियों का उपचार किया जाता था जो कि क्रिस्चियन युग की शुरुआत से
काफी पहले था|
हिप्पोक्रेट्स (407 से 360 ईसा पूर्व) के बाद ,अरस्तु (384 से 322 ईसा पूर्व),डायोस्कोराइड्स (40 से 80 ए.डी.), गेलन (131 से 201) और अन्य प्रारंभिक अरबी चिकित्सकों ने चिकित्सा के लिए महत्वपूर्ण
योगदान दिया लगभग 1000 वर्षों की अवधि के दौरान चिकित्सा विज्ञान में बहुत कम प्रगति हुई| गैलन पहले फॉर्म में
फार्मासिस्ट ने दर्द से राहत के लिए कई सामग्रियों (अफीम सहित) का उपयोग किया था| अगले कुछ सौ वर्षो में
उपयोग किए जा रहे औषधि योग के लोगों में बहुत ही परिवर्तन किए गए| हालांकि पैरासिलसस ने कुछ
प्रमुख प्रयास किए जैसे कि खनिज लवणों को विकसित करने की क्षमता सुश्रुत ने अपने
सामान्य गुणों के आधार पर 7 समूहों में 760 जड़ी बूटियों को विभाजित किया इस प्रकार आयुर्वेदिक प्रसिद्ध ग्रंथ चरक संहिता और सुश्रुत संहिता के साथ आया भारत में सबसे
पहले औषधीय पौधों की उत्पत्ति हुई और आयुर्वेद में इसका उपयोग 1200 पूर्व तथा अन्य 127 पौधों के साथ हुआ था
फार्माकोग्नोसीका क्षेत्र
बीसवीं शताब्दी में कुछ महत्वपूर्ण दवाओं की खोज की गई थी| विशेष रूप से हार्मोन और
विटामिन इस सदी के दौरान सूक्ष्मजीव दवाओं का एक अनिवार्य स्रोत बन गए हैं| औषधीय पौधों से नए रासायनिक
घटकों के निष्कर्षण और विकास के लिए फार्माकोग्नोसी की सीमा फार्माकोग्नोसी की नई
शाखाओं की शुरुआत से बड़ी थी इन शाखाओं में चिकित्सा एथनोबॉटनी एथनोफार्मोकोलॉजी
फाइटोकेमेस्ट्री जो फार्माकोग्नोसी फार्माकोग्नोसी बायोटेक्नोलॉजी और समुद्री
फार्माकोग्नोसी शामिल थे| इस
प्रकार फार्माकोग्नोसी ने लगातार अपनी प्रगति की एवं फार्मेसी और दवा के आधार और
शुरुआत का गठन किया फार्माकोग्नोसी का क्षेत्र निम्नलिखित रुप से विस्तारित किया
गया है|
1.सिंथेटिक ड्रग एवं एंटीबायोटिक
2.औषधि की स्वदेशी प्रणाली
3.हर्बल औषधि
4.औषधीय पौधे
5.नोवल औषधियां
6.अपरिष्कृत औषधियां
7.वनस्पति औषधियां
8.फाइटोमेडिसिन
9.प्राकृतिक उत्पाद
10.वनस्पति पर आधारित उपचार
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